Shyari part-02

Saturday, 24 January 2015

Ek Tamanna (एक तमन्ना)



एक तमन्ना थी इस दिल की तमन्ना बन के रह गई।
सोचा था जाउगा मैं भी  दूर आसमान के किनारे,
जाना था जहाँ वो किनारे कही खो गए ,
बस छाई है तन्हाई इस आसमान मे
ना जाने वो लम्हे कहा बीत गये ।
मन तो एक पंछी है जग की  बैडियो को क्या जाने।
एक तमन्ना थी  इस दिल की  तमन्ना बनके रह गई ।
आज एक उत्साह था, उमंग थी, तरंग थी इस मन मे,
पर ना जाने क्यों होसलो की उड़ान नही भर पाया ।
कुछ तो है, कहि तो है,
एक कसक है मन मे,
ना जाने कब ये पूरी होगी।
एक तमन्ना है इस दिल की तमन्ना बन के रह गई ।
By Admin:- Bhanwar Digvijay Singh Gaur

Sunday, 11 January 2015

Jobless (बेरोजगारी)



बेरोजगारी, बेरोजगारी, बेरोजगारी.......
किताबो के  खाली पन्ने है बेरोजगारी 
भागती इस दुनिया में एक रूकावट है बेरोजगारी
हुनरमंद हाथो की बेकरी है बेरोजगारी 
किसी शहर की सुनसान गली है बेरोजगारी 
लोगो की भीड़ है बेरोजगारी 
 खुद को खोने का दर्द है बेरोजगारी 
बड़ी जालिम है बेरोजगारी, पर आज की हकीकत है बेरोजगारी 
बेरोजगारी, बेरोजगारी, बेरोजगारी.......


By Admin:- Bhanwar Digvijay Singh Gaur

Monday, 5 January 2015

Jindgi (जिंदगी)



जिंदगी की राहे भी बहुत है 
जिंदगी के सितम भी बहुत है
जिंदगी मे हसने और रोने के बहाने भी बहुत है
जिंदगी के इस राह मे काफिले भी बहुत है
जिंदगी के इस जहा मे तुम अपनी राह बनाये चलना
ये जिंदगी है मेरे दोस्त 
थोड़ी गमो की फुहार फिर खुशियो की बारिश है
जिंदगी की इस जंग मे खुद को तुम जमाये रखना 
दुनिया की इस भीड़ मे अपनों का साथ बनाये रखना 
मिलेगे लोग बहुत पर उनको परख कर अपनाना 
पर जिंदगी के इस जहाँ मे किसी को दिल मे बसाये रखना

By Admin:- Bhanwar Digvijay Singh Gaur

Sunday, 4 January 2015

Yuva Bharat (युवा भारत)


आजाद भारत की जवाँ तस्वीर है हम ,
उचाईयो को छूने की ताकत है हम ,
हर मुश्किल को सहने की ताकत है हम ,
बुलंद भारत की जवाँ तस्वीर है हम ,
सहे है जुल्मो सितम अनेको बार ,
पर उस पर भी उठ खड़े होने की ताकत है हम ,
आज आया है वो क्षण गौरव का ,
जो दिखलाये हमारी ताकत सबको ,
इस क्षण को भर अपने जहन मे , 
हम फिर चल दिए छूने नई उचाईयो को 
जय हिन्द
भारत माता की जय 

By Admin:- Bhanwar Digvijay Singh Gaur



Mera Desh Ro Raha Hai