बेरोजगारी, बेरोजगारी, बेरोजगारी.......
किताबो के खाली पन्ने है बेरोजगारी
भागती इस दुनिया में एक रूकावट है बेरोजगारी
हुनरमंद हाथो की बेकरी है बेरोजगारी
किसी शहर की सुनसान गली है बेरोजगारी
लोगो की भीड़ है बेरोजगारी
खुद को खोने का दर्द है बेरोजगारी
बड़ी जालिम है बेरोजगारी, पर आज की हकीकत है बेरोजगारी
बेरोजगारी, बेरोजगारी, बेरोजगारी.......
By Admin:- Bhanwar Digvijay Singh Gaur