Shyari part-02

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Sunday, 25 January 2015

Money (पैसा)


चंद सिक्को की खनक है ये पैसा,
खुद की ही कीमत है ये पैसा,
आँखो की चमक है ये पैसा,
किसी की मेहनत है ये पैसा,
जिंदगी जीने का जरिया है ये पैसा,
कभी  रिश्तों की मिठास तो कभी कडवाहट है ये पैसा,
किसी के दूर होने की वजह है ये पैसा,
अजनबियों को पास बुलाने का जरिया है ये पैसा,
एक नशा है ये पैसा,
पर जिंदगी की जरूरत है ये पैसा,
हाय रे पैसा हाय रे पैसा.....
कैसा है ये पैसा रे पैसा......
सबको नाच नचाये ये पैसा,
हाय रे पैसा हाय रे पैसा.....

By Admin:- Bhanwar Digvijay Singh Gaur

Mera Desh Ro Raha Hai