Shyari part-02

Sunday, 29 January 2017

Reaction on film casting on Rani Padmini

कृपया करके अपना समय दे और इसको जरूर पढ़े और अधिक से अधिक शेयर करे......

अभी जो कुछ भी घंटना क्रम चल रहा है आप सभी को पता है, संयज लीला भंसाली एक फिल्म बना रहा है जिसमे वो रानी पद्मनी और खिलजी की प्रेम कहानी दर्शाना चाह रहा है, जिसके लिए वो जयपुर आके शूटिंग भी कर रहा था और वह पर उसको #राजपुताना की वीर युवाओ ने उसका बड़े ही अनोखे अंदाज में सम्मान किया।

इस सभी बात पर मै बस इतना कहना चाहता हु की जो भी किया गया है वो बिलकुल सही है क्यों की अब इस तरह की #इतिहास के साथ छेड़-छाड़ बर्दास्त नही की जायेगी और अब वो जहा कही भी इसकी शूटिंग करे वहां उसका ऐसे ही अंदाज में स्वागत किया जाये।

अब सोशल मिडीया पे जितने भी जो महान लोग है और जो #भंसाली के लिए रो रहे है उनको एक ही बात बोलू गया तुम लोगो ने नातो कभी देश की लिये कुछ किया है नहीं तुमको मान-सम्मान का पता है, कुछ लोग ये भी बोल रहे है कि #भारत में अब #स्वतंत्रता नही रहे, उनकी अभिव्यक्ति की आजादी खत्म हो रही है तो बता देता हूं

" स्वतंत्रता वह सब कुछ करने की शक्ति का नाम है जिससे दूसरे व्यक्तियों को आघात न पहुचे।"

और भंसाली के इतिहास के साथ छेड़ छाड़ करने से हमारे भावना आहात हुए है तो इसका सीधा सा मतलब है वो स्वन्त्रता का नाजायज फायदा उठा रहा है।
एक बात और ये जो स्वन्त्रता के नाप पे जी रहे हो वो सब इन महापुरषो की वजह से ही है वरना आज इतिहास कुछ और होता और तुम लोग यहां अभी तक जिन्दा न होते।

अब बात निकल ही गयी है तो पूरी कर देता हूं, कुछ समय पहले भी #एकता_कपूर ने #जोधा_अकबर चालू किया जिसका विरोध भी #राजपूत_समाज ने किया पर मुझे लगता है कि वो इसको अपने अंजाम तक नही पंहुचा सके, अतः इस बार समाज के उच्चय नेतृत्व से विनम्र निवेदन है कि इस बार कुछ इस तरह अंजाम तक पहुचाये ताकि अगली बार राजपूतो के इतिहास के साथ को छेड़-छाड़ ना कर सके, और हा कभी सीधी ऊँगली से घी नहि निकालता तो ऊँगली टेढ़ी करनी पड़ती है तो जरूर करे और आप अपने युवाओ का पूरा सहयोग करे प्रत्यक्ष हो या परोक्ष भले ही अब वो सही हो या गलत और ऐसे लोगो को सबक सिखाने के लिए युवा वर्ग तैयार है बस आप अपना पूरा सहयोग दे।

मै फिल्म जगत के सभी लोगो को और इस भारत वर्ष के सभी बुद्धि जीवियों को बता देना चाहता हु की पहले वो अपना घ्यान बढा ले राजपूत समाज की संस्कृति के बारे में फिर ही कुछ टिपण्णी दे नहे तो पता नहीं ये आग क्या कर बैठे गे , और हां ये भी बोल रहे है कि येतो बस एक फिल्म है तो अरे भाई तू अपनी बीवी या माँ को क्यों नही देता ये रोल या तेरी माँ के साथ बनवा किसे गैर मर्द का सीन हमे भी मजा आएगा और तुझे भी अबे साले गाड में तेरे जोर नहे है और आया उस ओरत पे फिल्म बनाने जिसमे अपने मान सम्मान के लिए अपनी सतीत्व की रक्षा के लिए अग्नि में प्रविष्ठ होना सही माना ,जिसने अपनी कुल की मर्यादा को सरोपरी माना, और तुम दो टेक के गांडू लोग उसके ऊपर उंलगी उठाओ कतई बर्दास्त नई की जा सकती,

अब तू सुन भोसड़ी के अगर फिल्म  बनाने का शोक है तो सच दिखाना की किस तरह खिलजी की मारी गयी थी जब वो यहां आया था अपनी हवस को मिटाने के लिए, अबे जिन लोगो ने ओरत को सिर्फ हवस का सामना माना है उसको तुम प्यार की मिसाल दे रहे हो धिक्कार है तुम लोगो पे, अबे ये क्यों नई बताता की जहाँ भी खिलजी और फ़ौज गयी वहाँ सिर्फ ओरतो का #बलात्कार हुआ था।
सच दिखाओ अच्छा रहेगा।

#जय_राजपुताना
#जय_मेवाड़

जिसको दिक्कत है बात कर लेना
भंवर दिग्विजय सिंह गौड़
9024186352

रानी पद्मावती को एक क्षत्राणी की ओर से श्रधांजलि
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जौहर पर लांछन लगा दिया है गुंडे और मावली ने
पदमा की मर्यादा को ही ...ललकारा है भंसाली ने

जहाँ स्त्रियों की लज्जा ही गरिमा की परिचायक है
खिलजी संग पदमा का जुड़ना सच में पीड़ादायक है

चलचित्रों पर दिखने वाले बस घर के मूषक होते हैं
नीच, निकम्मे, चरित्रहीन  ही भांड विदूषक होते हैं

जाकर अपनी माँ पर फिल्में खूब बनाये भंसाली
खूब करे वैश्यवृत्ति सोनम,करण से बजवाये ताली

यूँ भी भांड नचनियां सब सम्मान का सौरभ क्या जानें
बाप  भगोड़ा  हो जिनका वो स्त्री का गौरव क्या जानें

जोधा अकबर का झूठ गढ़ा फिर भी हिन्दू खामोश रहा
हर  द्रोही  को पूज्य दिखाया फिर भी ठंडा जोश रहा

बहुत सह लिया हमनें पर अब प्रतिकार जरूरी है
गद्दारों की छाती पर चड़ कर करना वार जरूरी है

सारी दुनियां को  याद  रहे हम मर्यादा के रक्षक हैं
पर यदि अपनी पर आ जाएँ तो कालों के भक्षक हैं

अब हम अपने गौरव का ...अपमान नहीं होने देंगे
राजपूत अब हिजड़ों का मिथ्यागान नहीं होने देने

करणी सेना के थप्पड़ की अब गूंज नहीं सोने देगी
सुनो समीक्षा कहती है .....अब पाप नहीं होने देगी

सौगंध तुम्हें है राखी की अब मत सुनना गाली को
मिले  जहाँ  सौ जूते मारो हर फ़िल्मी भंसाली को
🙏
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Wednesday, 28 January 2015

Khoya Desh (खोया देश)

कहा खो गया इस देश का इतिहास,
कहा खो गया इस देश का संस्कार,
कहा खो गया इस देश का स्वाभिमान,
कहा खो गया इस देश का युवा,
कहा खो गया इस देश का आक्रोश,
कहा खो गया इस देश का सम्मान,
कहा खो गये इस देश के मार्गदर्शन,
कहा खो गये इस देश के रक्षक,
कहा खो गये इस देश के अमर शहीद,
कहा खो गया इस देश के क्रन्तिकारी,
क्या बन गया है ये अब मुर्दो का घर,
या कोई है इंसान इन मुर्दा घर में जो बतलाये मुझे ये सब।

By Admin:- Bhanwar Digvijay Singh Gaur

Sunday, 25 January 2015

Money (पैसा)


चंद सिक्को की खनक है ये पैसा,
खुद की ही कीमत है ये पैसा,
आँखो की चमक है ये पैसा,
किसी की मेहनत है ये पैसा,
जिंदगी जीने का जरिया है ये पैसा,
कभी  रिश्तों की मिठास तो कभी कडवाहट है ये पैसा,
किसी के दूर होने की वजह है ये पैसा,
अजनबियों को पास बुलाने का जरिया है ये पैसा,
एक नशा है ये पैसा,
पर जिंदगी की जरूरत है ये पैसा,
हाय रे पैसा हाय रे पैसा.....
कैसा है ये पैसा रे पैसा......
सबको नाच नचाये ये पैसा,
हाय रे पैसा हाय रे पैसा.....

By Admin:- Bhanwar Digvijay Singh Gaur

Saturday, 24 January 2015

Ek Tamanna (एक तमन्ना)



एक तमन्ना थी इस दिल की तमन्ना बन के रह गई।
सोचा था जाउगा मैं भी  दूर आसमान के किनारे,
जाना था जहाँ वो किनारे कही खो गए ,
बस छाई है तन्हाई इस आसमान मे
ना जाने वो लम्हे कहा बीत गये ।
मन तो एक पंछी है जग की  बैडियो को क्या जाने।
एक तमन्ना थी  इस दिल की  तमन्ना बनके रह गई ।
आज एक उत्साह था, उमंग थी, तरंग थी इस मन मे,
पर ना जाने क्यों होसलो की उड़ान नही भर पाया ।
कुछ तो है, कहि तो है,
एक कसक है मन मे,
ना जाने कब ये पूरी होगी।
एक तमन्ना है इस दिल की तमन्ना बन के रह गई ।
By Admin:- Bhanwar Digvijay Singh Gaur

Mera Desh Ro Raha Hai