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Saturday, 3 January 2015

तोड़ दो


तोड़ दो उन गुलामी की जंजीरो को 
तोड़ दो उन रस्मो को जो अभी तक बनाये हुए है पंगु हमे
तोड़ दो वो सारे नियम जो हमसे हमारा जीवन छीने
हटा दो वो निषेध शब्द अब हिन्दुस्थान कई गलियारे से 
बदल दो इस देश को
मिटा वो उन लम्हों को जो याद दिलाये हमे गुलामी की
मिटा दो वो निशानिया जो दे गए ये गोरे अग्रेज
और बदल दो ये तखत और ताज इन काले अग्रेजो 
चूमो अपनी माटी को जिसके कण-कण मे बसा प्यार है 
याद करो उन सहीदो की क़ुरबानी जिन्होंने इसी प्यार के लिए दिए अपने प्राण है
जय हिन्द
By Admin:- Bhanwar Digvijay Singh Guar

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